गीत पुस्तक अज्ञात के द्वारा लिखी गयी पुस्तक है इस पुस्तक में आपको हिंदी गीत पढ़ने को मिलता है। यह पुस्तक हिंदी भाषा में लिखित है। इस पुस्तक का कुल भार 1.39 MB है एवं कुल पृष्ठों की संख्या 56 है। निचे दिए हुए डाउनलोड बटन द्वारा आप इस पुस्तक को डाउनलोड कर सकते है। पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है। यह हमारा ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। हमारे वेबसाइट JaiHindi पर आपको मुफ्त में अनेको पुस्तके मिल जाएँगी। आप उन्हें मुफ्त में पढ़े और अपना ज्ञान बढ़ाये।
Writer (लेखक ) | अज्ञात |
Book Language ( पुस्तक की भाषा ) | Hindi | हिंदी |
Book Size (पुस्तक का साइज़ ) |
920 KB
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Total Pages (कुल पृष्ठ) | 161 |
Book Category (पुस्तक श्रेणी) | Uncategorized |
पुस्तक का एक अंश
में अपने से डरती हूँ सखि !
पल पर पल चढते जाते हैं,
पद पाहट विन,री!चुपचाप,
बिना चुलाये आते है दिन,
मास, वरस ये अपने आप;
लोग कहें चद चली उमर में,
पर मैं नित्य उतरती हैं सति।
मे अपने से डरती हूँ सखि ।
मैं बढ़ती हूँ। हो,-हरि जाने
यह मेरा अपराध नहीं है,
उतर पडू यौवन के रथ से
ऐसी मैरी साध नहीं है,
लोग कहें आँखें भर आयीं,
मैं नयनों से मरती हूँ सखि।
मै अपने से डरती हूँ ससि
किसके पैसों पर, भागी
जाती हैं मेरी नन्हीं साँसें ।
कौन छिपा जाता है मेरी
साँसों में अनगिनी उसासें ?
लोग कहें उन पर मरती है
मैं लस उन्हें उभरती हूँ ससि ।
मैं अपन स डरती हूँ ससि ।