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Mopansa Ki Kahaniya (मोपासां की कहानियाँ) PDF – Elachandra Joshi

छोटी कहानी के लेखकों की गणना में मोपासां और चेखोब के नाम सबसे पहले आते हैं । मोपासां ने सैकड़ों कहानियाँ लिखी हैं, ओर उसकी प्रत्येक कहानी अपनी निजी विशेषता रखती है। उसकी कोई भी कहानी आप ऐसी नहीं पावेंगे जो चुटीली, स्सीली ओर रोचक न हो । इसमें सन्देह नहीं कि मोपासां चेस्नोव के समान जीवन का सार्मिक द्रष्टा नहीं रहा है, और गहराई में डुबकियों लगाने को चेष्टा उसने कभी नहीं की है। पर जहाँ तक केवल कहानी-कला का सम्बन्ध है वहों वह अपना सानी नहीं रखता प्रस्तुत संकलन में उसकी चुनी हुई कहानियो का अनुवाद किया गया है।

मोपासां की कहानियाँ, इलाचन्द्र जोशी के द्वारा लिखी गयी एक कहानी संग्रह है। यह पुस्तक हिंदी भाषा में लिखित है। इस पुस्तक का कुल भार 5.02 MB है एवं कुल पृष्ठों की संख्या 200 है। निचे दिए हुए डाउनलोड बटन द्वारा आप इस पुस्तक को डाउनलोड कर सकते है।  पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है। यह हमारा ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। हमारे वेबसाइट JaiHindi पर आपको मुफ्त में अनेको पुस्तके मिल जाएँगी। आप उन्हें मुफ्त में पढ़े और अपना ज्ञान बढ़ाये।

Writer (लेखक ) इलाचन्द्र जोशी
Book Language ( पुस्तक की भाषा ) Hindi | हिंदी
Book Size (पुस्तक का साइज़ )
5.02 MB
Total Pages (कुल पृष्ठ) 200
Book Category (पुस्तक श्रेणी) Story / कहानी

पुस्तक का एक मशीनी अनुवादित अंश

आाविवस बर्ता के यहाँ भोज के अवसर पर ग्यारह शिकारी, आठ स्त्रियाँ और एक स्थानीय डॉक्टर एक सुन्दर, सुसज्जित टेबिल के चारो ओर बैठे हुए थे। सारा कमरा मोमबत्तियों के प्रकाश से जगमगा रहा था। भोज जब समाप्ति पर था तो सहसा किसी ने प्रेम की चर्चा छेड़ दी। इस सम्बन्ध मे वाद-विवाद चल पडा कि कोई मनुष्य सच्चे हृदय से एक से अधिक बार प्रेम कर सकता है या नही? ऐसे व्यक्तियों के जीवन से उदाहरण दिये जाने लगे जिन्होंने आजीवन केवल एक व्यक्ति से प्रेम किया है, और साथ ही कुछ व्यक्तियों ने ऐसे छोगो का भी उल्लेख किया जो अपने जीवन में एक से अधिक व्यक्तियों से प्रेम-सम्बन्ध स्थारित ‘कर चुके है।

अधिकाश पुरुषों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रेम एक रोग की तरह है, जो एक ही व्यक्ति पर कई बार पुरी शक्ति से आक्रमण कर सकता है, यहाँ तक कि उसे मृत्यु का शिकार भी बना सकता है। ज पर स्त्रियों की धारणा कुछ दूसरे प्रकार की थी। इस सम्बन्ध में स्वभावत उनकी भावुकता वास्तविकता को दबाने की चेष्टा कर रही थी । उनका यह कहना था कि सच्चे प्रेम का अनुभव कोई भी मनुष्य जीवन मे दो बार नही कर सकता। उनकी सम्भति में वास्तविक प्रेम बिजली की तीब्रतासे जब एक बार हृदय को स्पर्ष कर छेता है, तो उसकी प्रचण्ड ज्वाला से हृदय ऐसा भुलस जाता है कि फिर वह दूसरी बार किसी गहरे भाव की मार्भिकता का अनुभव करने योग्य नहीं रह जाता ।

डिस्क्लेमर – यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं।

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