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Kamsutra PDF – Maharshi Vatsayayan | कामसूत्र पीडीएफ़ – महर्षि वात्सयायन

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कामसूत्र ने दाम्पत्य उल्लास एवं संतृप्ति के लिए यौन-क्रीड़ा को आधार माना है। दाम्पत्य जीवन में उल्लास एवं उमंग का संचार तभी होता है जब पति पत्नी दोनों में मानसिक तालमेल हो, दोनों एक दूसरे के परिपूरक बनने का प्रयास करें तथा यौन क्रीड़ा के समय पारस्परिक सहयोग करें और अपने अपने लक्ष्य की ओर आत्मविश्वास के साथ निरन्तर आगे बढ़ते रहें। दाम्पत्य जीवन में सतत रसवर्षा के लिए ही महर्षि ने अपने कामसूत्र में यौन प्रेम के रहस्यों का उद्घाटन किया है एवं यौन क्रीड़ा तथा तकनीक का सूक्ष्म तथा विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया है।

काम एक अत्यन्त शक्तिशाली मूल प्रवृत्ति (Instinct) है। काम ही जीवन का संपदन, जीवन का उद्गम, उसके अस्तित्व तथा उसकी गतिशीलता तथा नर-नारी के पारस्परिक अकर्षण एवं सम्मोहन का रहस्य है। वास्तव में काम ही विवाह एवं दाम्पत्य सुख-शांति की आधारशिला है। काम का सम्मोहन ही नर-नारी को वैवाहिक-सूत्र में आबद्ध करता है। अतः विवाहित जीवन में आनन्द की निरन्तर रस-वर्षा करते रहना ही कामसूत्र का वास्तविक उद्देश्य है।

काम-विषयक अन्य प्राचीन ग्रन्थ

1. पंचशक्य

2. स्मरप्रदीप

3. रतिमंजरी

4. रसमंजरी

5. अनंग रंग

अब भी ज्यादातर भारतीयों का मानना है कि सेक्स ज्ञान के लिए दूसरी शताब्दी में वात्स्यायन द्वारा लिखी गई ‘कामसूत्र’ से बेहतर कोई किताब नहीं है। लेकिन कामसूत्र की प्रसिद्धि सिर्फ भारत तक ही नहीं है। दुनिया की कई भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया है और इसने लोगों तक सेक्स ज्ञान को परोसने में अहम रोल प्ले किया है। कामसूत्र महर्षि वात्सायन द्वारा लिखा गया भारत का एक प्राचीन कामशास्त्र ग्रंथ है। दुनिया भर में यौन बिमारीयों और एड्स के बढ़ते चलन के कारण इस प्राचीन पुस्तक पर लोगों का खूब ध्यान गया है। खास कर पश्चिम के देशों में यह काफी लोकप्रिय हुआ है और इसमें लोगों की उत्सुकता बढी है। कामसूत्र को उसके विभिन्न आसनों के लिए ही जाना जाता है।

 कामसूत्र, महर्षि वात्सयायन के द्वारा लिखी गयी एक कामुक – वयस्क पुस्तक है। यह पुस्तक हिंदी भाषा में लिखित है। इस पुस्तक का कुल भार 25 MB है एवं कुल पृष्ठों की संख्या 160 है। निचे दिए हुए डाउनलोड बटन द्वारा आप इस पुस्तक को डाउनलोड कर सकते है।  पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है। यह हमारा ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। हमारे वेबसाइट JaiHindi पर आपको मुफ्त में अनेको पुस्तके मिल जाएँगी। आप उन्हें मुफ्त में पढ़े और अपना ज्ञान बढ़ाये।

Writer (लेखक ) महर्षि वात्सयायन
Book Language ( पुस्तक की भाषा ) Hindi | हिंदी
Book Size (पुस्तक का साइज़ )
25 MB
Total Pages (कुल पृष्ठ) 160
Book Category (पुस्तक श्रेणी) Erotic-Adult / कामुक – वयस्क

पुस्तक का एक अंश

वात्स्यायन के कामसूत्र के भाग 1 साधारणम्’ में कुल पाँच अध्याय हैं।

अध्याय 1 –  शास्त्रसंग्रहः
अध्याय 2 – त्रिवर्गप्रतिपतिः
अध्याय 3 – विद्यासमुद्देशः
अध्याय 4 – नागरकवृतम्
अध्याय 5 – नायकसहायदूतीकर्मविमर्शः

कामसूत्र के मुताबिक मनुष्य का सबसे पहले विद्या पढ़नी चाहिए, फिर अर्थोपार्जन करना चाहिए और इसके बाद विवाह करके गृहस्थ जीवन में प्रवेश करके नागरक वृत का आचरण करना चाहिए। कोई भी मनुष्य जब तक कामकलाओं की शिक्षा प्राप्त नहीं कर लेता है तब तक उसको विवाह करने का कोई हक नहीं है। गृहस्थ जीवन को सही तरीके से चलाने के लिए अर्थ संग्रह जरूरी है। सुशिक्षित, धन-संपन्न मनुष्य ही अपने वैवाहिक जीवन को सही तरीके से चलाने में सक्षम हुआ करता है।

आचार्य वात्स्यायन के मतानुसार विवाह से पहले वर्ण धर्म के मुताबिक स्त्री और पुरुष का चुनाव करके प्रेम संबंध स्थापित करना चाहिए। अगर इस तरह के प्रेम संबंधों को स्थापित करने में किसी तरह की रुकावट आती है तो मदद के लिए स्त्री या पुरुष को जरिया बनाना चाहिए। स्त्री-पुरुष किस तरह के संबंध स्थापित करें, किस तरह के व्यक्ति को अपना जरिया बनाएं, इस अध्याय के अंतर्गत इन्ही बातों का उल्लेख किया गया है।

कामसूत्र हिन्दी पीडीएफ़ 
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