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Meri Mukti Ki Kahani (मेरी मुक्ति की कहानी) – Unknown

मेरी मुक्ति की कहानी –  इस पुस्तक के लेखक श्री Unknown जी है। यह पुस्तक हिंदी भाषा में लिखित है। इस पुस्तक का कुल भार 5 MB है एवं कुल पृष्ठों की संख्या 172 है। निचे दिए हुए डाउनलोड बटन द्वारा आप इस पुस्तक को डाउनलोड कर सकते है।  पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है। यह हमारा ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। हमारे वेबसाइट JaiHindi पर आपको मुफ्त में अनेको पुस्तके मिल जाएँगी। आप उन्हें मुफ्त में पढ़े और अपना ज्ञान बढ़ाये।

Writer (लेखक ) Unknown
Book Language ( पुस्तक की भाषा ) Hindi | हिंदी
Book Size (पुस्तक का साइज़ )
5 MB
Total Pages (कुल पृष्ठ) 172
Book Category (पुस्तक श्रेणी) Spritual Books / आध्यात्मिक पुस्तकें 

पुस्तक का एक अंश

मेरा बपतिस्मा और पालन-पोषण ईसाई मतमें हुआ था। मुझे बाल्यावस्था तथा किशोर व युवावस्थामें इसी मतके धार्मिक विश्वासोंकी शिक्षा-दीक्षा दी गई थी। परंतु जब मैं १८ सालकी उम्रमें यूनिवसिटीसे निकला तो जो बातें मुझे सिखाई-पढ़ाई गई थीं, उनमसे किसीपर मेरा विश्वास नहीं रह गया था।

जहाँतक मुझे याद पड़ता है कह सकता हूँ कि मुझे जो-कुछ सिखायापढ़ाया गया था और मेरे इर्द-गिर्द के बड़े-बड़े लोग जिन बातोंको मानते थे उनपर मेरा पक्का विश्वास कभी नहीं था, फिर भी मैं उनपर भरोसा करता था; परंतु मेरा यह भरोसा भी बड़ा डावांडोल था। .

मुझे याद है कि जब में पूरे ग्यारह सालका भी न या, तब स्कूलका छलाडीमीर मिलयटिन नामका छात्र (जिसकी बहुत दिन हुए मृत्यु हो गई) एक रविवारको हमारे यहाँ आया और उसने एक सबसे ताजी नवीन वात हमें सुनाई. जिसकी सोज उसके स्कूलमें हुई थी। खोज यह हुई थी कि ईश्वर नामको कोई चीज नहीं है और उसके बारेमें हम लोगों को जो कुछ सिखाया जाता है वह सब काल्पनिक है (यह घटना 1858 ई० की है)। मुझे याद है कि मेरे बड़े भाइयोंने इस खबरमें कितनी दिलचस्पी ली थी! उन्होंने मुझे भी अपनी मंत्रणामें बुलाया। हम सब-केसब खूब उत्तेजित हो गये थे और हमने यह स्वीकार किया कि यह खबर बड़ी मनोरंजक है और बिलकुल मुमकिन है।

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