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Patni Dharm Sangrah | पत्नी धर्म संग्रह PDF

पत्नी धर्म संग्रह, गिरिधरलाल शर्मा के द्वारा लिखी गयी एक संग्रह है। यह पुस्तक हिंदी भाषा में लिखित है। इस पुस्तक में आपको एक पति का उसके पत्नी के प्रति धर्म को विस्तृत रूप में व्यक्त किया है। इस पुस्तक का कुल भार 5.33 MB है एवं कुल पृष्ठों की संख्या 204 है। नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन द्वारा आप इस पुस्तक को डाउनलोड कर सकते है।  पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है। यह हमारा ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। हमारे वेबसाइट JaiHindi पर आपको मुफ्त में अनेको पुस्तके मिल जाएँगी। आप उन्हें मुफ्त में पढ़े और अपना ज्ञान बढ़ाये।

Writer (लेखक ) गिरिधरलाल शर्मा
Book Language ( पुस्तक की भाषा ) हिंदी
Book Size (पुस्तक का साइज़ )
20 MB
Total Pages (कुल पृष्ठ)
480
Book Category (पुस्तक श्रेणी) Literature / साहित्य

पुस्तक का एक मशीनी अनुवादित अंश

अनग्नाच प्रमताच निप्कामाच जितेन्द्रिया ।
नोच वदटेन्रपरपं न वद्धन्‌पल्य रप्रियम्‌ ॥१७॥

न र्दे, चेटौण न स्ह, निष्काम भैर लिसन्द्रिय हा, जये न्वरे चिद्धाकर न वौ, कठोर न वोक्े’ श्रौर वदत व्यथं न बोले; सितभापिरी दो, रेके वचन कटापिन चोल जो पत्तिक प्यारे नदो । ९०॥

न कैन बिद्धिविवादेच श्यप्रलापदिक्लापिनौ।
न चतिव्यवभीद्धास्चान्नघसय विसे धिनी ॥१८ ॥

किणे विवाद खदा न करे, श्रनथकदृथा न वीक्े, किमो राजरे दुःखव्ता विललाप नक्र, वदु खच करनेका स्वभावन स्ल,
थम शीर द्रका विरोध न करे॥ ९८ ॥

प्रमादौन्रादसपैषा वच्चनं चाति मानिताम्‌। एप्रुन्यद्धिमादिद्धप प्रद्ादडगर धतता॥१९॥ नार्लिद्व’ खादमसं स्तयं दन्धान्मःध्वौ विदञवेत्‌। पदं प्रिचग्न्तोरा पतिं परम टैदतम्‌ ॥२०॥

[र क) न्त प्रर द्सादश्ःनी, उन्द्‌, ऋध, दपा, ठटगपनी, छन, फर्व,
ग्रत्य्तं [न्क न, वर्तन { त्त क्त

सान, चुगलपन, दिय, वर, वद्धा श्रेद्ुषर, ध्यृतनय, नास्तिकता,
साट, दारो, दस्मा दन 7 साध्वी टदे । रैम पर्य देव्रता सद पदलिदरी मेदा दस्ती दद्‌ वद्‌ दनी ॥ए८-द्छा यरः णरिद्यव्यव पचत यनलाङता टो निन्धक्तम्च्’ नमिन्िक्र मयोचतै ॥२१॥’ [न [कका वो (न स राम य श्र र्द श्र चरनयकप्न पव पादक 2 ४ द्द प्रप सष्नादर । वट्‌ स्यार पनल्य कन्तव्य धम कुदा; श्व ( न ॐ [न ५ नमद् दार टद रमति दन्न दन्तः द 

डिस्क्लेमर – यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं। 

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