घट रामायन, सतगुरु तुलसी साहिब के द्वारा लिखी गयी एक हिन्दू धार्मिक पुस्तक है। यह पुस्तक संस्कृत भाषा में लिखित है। इस पुस्तक के दो भाग है जिसके क्रमशः भार 77.47 MB & 6 MB है एवं कुल पृष्ठों की संख्या क्रमशः 437 और 130 है। नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन द्वारा आप इस पुस्तक को डाउनलोड कर सकते है। पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र होती है। यह हमारा ज्ञान बढ़ाने के साथ साथ जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है। हमारे वेबसाइट JaiHindi पर आपको मुफ्त में अनेको पुस्तके मिल जाएँगी। आप उन्हें मुफ्त में पढ़े और अपना ज्ञान बढ़ाये।
Writer (लेखक ) | सतगुरु तुलसी साहिब |
Book Language ( पुस्तक की भाषा ) | Hindi | हिंदी |
Book Size (पुस्तक का साइज़ ) |
77.47 MB & 6 MB
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Total Pages (कुल पृष्ठ) | 437 & 130 |
Book Category (पुस्तक श्रेणी) | Religious / धार्मिक |
पुस्तक का एक मशीनी अनुवादित अंश
खाते बंद सिंघ मिलाप, आप अचर चढ़ि चाखिया ।
भाखा भेर सभियान, भेद भान गरू खति लखा॥
॥ छंद स्नति सिंध ॥
सत सरति समझ्ति सिहार साथे। । निरखि नित नेनन रहो॥
धनि घघक घीर गँभोर मरली । मरम मन मारग गहे ॥१॥
सम सील लील अपील पेले। खेल खलि खलि लखि परे ॥
नित नेम प्रेम पियार पिउ कर । सरति सजि पल पल भरै॥
घरि गगन डोरि अपार परखे । पकरि पठ पिउ पिड करे ॥२॥
सर साथि सुन्त्र सुधारि जाने । ध्यान घरि जब थिर थवा*॥
जहूँ रूप रेख न भेष काया। मन न साया तन जवा।
अलि ऊंत मल अतल कैवला । फल फिरि फिरि घरि घसे ॥
तलास तार नहार सरात। सेल सत सत सन बसे ॥४॥ |
॥ छंद २॥
हिये नेन सेन सच्चेन संदरि | साजि खति पिउ पे चली ।
गिर गवन गेाह गहारि मारग । चढ़त गढ़ गगना गलो।
जहूँ ताल तठ पट पार प्रीतम | परसि पद जागे झली।
रे ओएए सेपर सिहार सुनि के | सिंध सलिता जस मिली ।
जब ठाठ घाट बेराट कीन्हा | मीन जल केँवला कली।
अली अंस सिंचघच सिहार अपना । खलक लखि सपना छली ।
अस सार पार सम्हार सराति ।समकम्ोति जग जगजग जलो ॥
गरुज्ञान ध्यान प्रमान पद्बिन। मटकि तलसी मै मिली
डिस्क्लेमर – यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं।